नज़्म गिनती By Nazm << किस से पूछूँ सवाल >> जाती हुई मोहब्बत आती हुई मौत की तरह लगती है जाती हुई मोहब्बत ने घर को मकान में तब्दील कर दिया है घर में आदमी साँसें जीता है मकान में आदमी साँसें गिनता है यूँ साँसों की गिनती में आख़िर-कार गिनती की साँसें रह जाती हैं Share on: