नज़्म एक दीवार है जिस के पीछे से हम निकलते हैं अपने दुश्मन को मारने और उसे मुआ'फ़ कर के वापस आ जाते हैं नज़्म एक फूल है जो खिलता है सिर्फ़ हमारे दोस्तों और महबूबाओं के लिए या हमारे प्यारों की क़ब्र पर और हमेशा खुला ही रहता है नज़्म एक तमग़ा है जो दिया जाता है बहादुरों को जंग से वापस न आने पर या फिर आशिक़ों को एक दूसरे से हमेशा के लिए जुदा होने पर