नर्म लहजे में सही By Nazm << क़रिया-ए-जाँ नाम जो लिखा नहीं था >> नर्म लहजे में सही उस ने कहा था इक दिन ये जो उजड़ा सा मकाँ है इसे घर कर लेंगे तू अगर सर को झुका ले तो ज़रा बात बने हम तिरी ज़ुल्फ़ के साए में बसर कर लेंगे Share on: