नया साल फिर आ गया दोस्तो नए साल का ख़ैर मक़्दम करें पढ़ाई का हम अज़्म-ए-मोहकम करें बुलंद कामयाबी का परचम करें नया साल फिर आ गया दोस्तो नए हौसले हों नए वलवले नई कोशिशें हों नए सिलसिले है दुनिया सभी सुख के दामन तले नया साल फिर आ गया दोस्तो ख़लाई मुसाफ़िर की बातें करें समर कामयाबी के अपने चुनें तरक़्क़ी की राहों पे बढ़ते रहें नया साल फिर आ गया दोस्तो फ़सुर्दा रिवायात को छोड़ कर मसाइल नए रख के पेश नज़र करेंगे चलो सई-ए-शाम-ओ-सहर नया साल फिर आ गया दोस्तो उठो परचम-ए-अम्न ले कर उठो जियो ख़ुद भी औरों को भी जीने दो चलो तो क़दम सब मिला कर चलो नया साल फिर आ गया दोस्तो