आप के हाथों ने समझा मार के क़ाबिल मुझे मैं निगोड़ी तो ये समझी मिल गई मंज़िल मुझे मुझ को ना-मंज़ूर है आप का ये फ़ैसला तोड़ दी मेरी कमर ऐ बंदा-पर्वर आप ने अपनी भेड़ों बकरियों में कर लिया शामिल मुझे आप के हाथों ने समझा मार के क़ाबिल मुझे सामने सारे जहाँ के कर दिया घाइल मुझे आप के हाथों ने समझा मार के क़ाबिल मुझे पड़ गईं मुँह पर मिरे हाथ की परछाइयाँ कान में बजने लगीं सैकड़ों शहनाइयाँ दो जहाँ की आज चोटें हो गईं हासिल मुझे आप के हाथों ने समझा मार के क़ाबिल मुझे