हमें बताया गया है सर्द क़हक़हों के आहनी जुमूद से शुमाली मिर्रीख़ पर नए साहिल बनाए जाएँगे निस्बतन कम संजीदा लड़कियाँ हमारी महबूबाएँ नहीं बन सकतीं अल़्बर्टा के लैंडस्केप में विंड-मिल्ज़ के चकराते साए ट्यूलिप्स की आँखों से बर्फ़ हटाएँगे इबादत-गाह की दीवारों पर कंदा ख़ुदा के फ़रमान पर फूल रखने के एवज़ वो हम से बद-ज़न नहीं होगा डैफ़ोडिल्ज़ के हाथ एकार्डियन बजाएँगे जिन से फूटती थकी हारी मौसीक़ियत स्ट्रीट लाइट की बूढ़ी रौशनी तान कर सो जाएगी वॉशिंगटन डी-सी में चेरी के दरख़्तों पर नए साल के ख़्वाब उगाए जाएँगे सागानो के सब्ज़ बाँसों से वाइलन के तार बनाए जाएँगे जिन पर रेड इंडियन माओं के सीनों से पिघलती नीली बद-दुआएँ बजाई जाएँगी जवाँ-मर्ग हसीनाओं की गोल सिसकियाँ शिकस्ता प्यानो की दराड़ों से मुर्दा गीतों के फ़िंगरप्रिंटस उधेड़ लेंगी ज़ंग-आलूद खिड़की के मैले शीशों से काँपती उँगलियों की नुक़रई उलझनें अधूरी नज़्मों के लाशे खुरच लेंगी इस से पहले कि हम ख़ौफ़-ज़दा हों हम से पहले तख़्लीक़ की जाने वाली हमारी महबूबाओं के जिस्मानी इर्तिक़ा से जिस्म होंटों पर तक़्सीम किए जाएँगे बर्फ़-ज़दा परिंदे हमें देख पाएँगे हमारे गुनाह मुक़द्दस हैं अंजान दोशीज़ा की फ़रमाइश पर लिखे गए नॉवेल की तरह