पहली मोहब्बत By Nazm << ग़ैर-निसाबी तारीख़ घर वापसी >> में कब से ख़ाली सज्दे कर रहा था ग़लत लोगों पे झूटा मर रहा था मगर अब भूल कर सारी ख़ुदाई तिरी सूरत मिरा मज़हब हुई है मुझे पहले मोहब्बत तो हुई थी मगर पहली मोहब्बत अब हुई है Share on: