मुन्नी है इक अच्छी बच्ची अच्छी बच्ची सच्ची बच्ची करती है जब काम कोई भी पहले है बिस्मिल्लह कहती रोज़ नमाज़ें पढ़ती है वो एक नमाज़ी बच्ची है वो करती है वो रोज़ तिलावत ये भी है इक प्यारी आदत ख़ूब सलीक़े से रहती है बात भलाई की कहती है शौक़ से पढ़ने जाती है वो ख़ुश ख़ुश घर को आती है वो जो कहते हैं माँ बाप उस से वो सब करती है ख़ुश हो के सब को ख़ुश रखती है मुन्नी रब को ख़ुश रखती है मुन्नी मुन्नी है इक अच्छी बच्ची अच्छी बच्ची सच्ची बच्ची