बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल ज़बाँ अब तक तेरी है देख कि तेरे अर्ज़-ए-वतन में क़स्बा क़स्बा क़र्या क़र्या आज ये कैसा हश्र बपा है शहरों शहरों गाँव गाँव मोड़ मोड़ पर गली गली में लाशों का अम्बार सजा है क़दम क़दम पर दस्त-ए-सितम में तेग़-ए-जफ़ा है मार्का-हा-ए-जुर्म-ओ-सज़ा है देख कि तेरे सेहन-ए-चमन का पत्ता पत्ता बूटा बूटा ख़ून में अपने लत-पत लत-पत ख़ौफ़-ए-ख़िज़ाँ से शाख़-ए-नहालाँ लर्ज़ां लर्ज़ां सुम्बुल-ओ-रैहाँ ग़म से हिरासाँ ग़ुंचा ग़ुंचा हैराँ हैराँ गोशा गोशा चप्पा चप्पा क़त्ल-ए-बहाराँ क़त्ल-ए-बहाराँ रूह परेशाँ जिस्म फ़िगाराँ जान पशेमाँ ख़्वाब से हर ता'बीर गुरेज़ाँ उजड़ा खंडर सूना मंज़र बेवा पंछी ज़ख़्मी ताइर उर्यां ख़ंजर ख़ूनीं धरती काला सूरज गीला अम्बर जंगल जंगल ख़ौफ़ और दहशत सहरा सहरा वहशत वहशत टैंक की आमद तोप की हरकत जंग की ला'नत क़हत का साया भूक की आँधी और बेकारी और बद-चलनी और बीमारी तन की तिजारत मन की हज़ीमत धन की हुकूमत भूकी सीता नंगी मरियम मुर्दा गौतम पारा-पारा शीशा-ए-हुरमत रेज़ा रेज़ा क़स्र-ए-तमद्दुन धज्जी धज्जी अम्न का परचम बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे