साबुन की टिकिया नन्ही सी बिटिया पानी में छप-छप करती है गप-शप पानी बहाए छींटे उड़ाए लो झाग निकला मुन्नू को देखो वो भाग निकला जब मुँह को धुलाए साबुन लगाए मुन्नू अकेला सब को नचाए लातें चलाए धम-धम धमा-धम आँसू बहाए छम-छम छमा-छम मुन्नू खड़ा है कुर्सी के ऊपर साबुन के डर से करता है थर-थर मुन्नू को पकड़ो बाज़ू में जकड़ो नलके पे लाओ टब में बिठाओ साबुन की टिकिया सर पर लगाओ जब झाग निकले पानी बहाओ साबुन की टिकिया सर पर खड़ी है मुन्नी सी बिटिया कितनी बड़ी है