आज अंधेरा ईजाद मत कीजिए कि मैं अपना आख़िरी चराग़ भी मोहब्बत के जुर्म में क़त्ल होने वालों की क़ब्र पर जला आया हूँ एक क़ब्र खोदिए मेरे पास एक नज़्म है जिस में मेरी मौत का ज़िक्र है उस नज़्म को क़ब्र में गाड़ दीजिए शजर-कारी मुहिम के दौरान एक-आध दरख़्त मेरी आँखों में लगाइए कि मैं अक्सर ख़्वाब में लम्बे सफ़र पर निकलता हूँ और मेरे रास्ते पर कोई दरख़्त नहीं होता मेरी सीवी दराज़ में रख लीजिए कि मेरी सीवी पर किसी मोहब्बत या किसी ख़्वाब का ज़िक्र नहीं है ख़िज़ाँ को कुछ देर और रोके रखिए कि मैं ने कुछ फूल एक ऐसे शख़्स को देने हैं जिसे कुछ दिन ज़िंदा रहने की मोहलत मिली आज दूसरे दिन की शाम है मेरे पास एक ज़ेर-ए-ता'मीर मुस्कुराहट है मेरी एक तस्वीर खींचे और गुम-शुदा अफ़राद की तस्वीरों के साथ रख दीजिए कि ढूँडने वालों को ये तो मालूम हो कि क्यों मैं अपनी मुस्कुराहट मुकम्मल ता'मीर नहीं कर सका