गर्मियों के मौसम में लालटैन की आग सेंकते हैं तो ठंडा बल्ब मुस्कुराता है और हमारी बेबसी पर मुँह चिड़ाता है बहुत सी हड्डियाँ खाल के थैले में पड़ी चुभती रहती हैं रोज़ाना कई कुत्ते ख़ुराक की तलाश में मसरूफ़ कचरे के ढेर पे एक दूसरे पर ग़ुर्राते हैं ज़मीन के बालों में कंघी करती गर्म सर्द हवाएँ ख़यालों की पुरानी देग में बास मारते ख़्वाब कोलुहओं की भट्टी के पास जलता सर्द ख़ून आहें भरती पैरों में बिखरी सिसकियाँ अंजान सड़क पे उधड़ा पड़ा ला-वारिस पेट जिसे अजनबी शो'बदा-बाज़ हँसी की ठोकरें मार कर गुज़र जाते हैं