संगसारी By Nazm << शर्त मौत >> हर कोई आते जाते हुए एक पत्थर उठाता है और फेंक देता है मुझ पर मैं तो ये भी नहीं जानता कि मेरा जुर्म क्या है ख़ता कौनसी मैं ने की और क्यूँ संगसारी मिरे नाम लिक्खी गई Share on: