सावन से वो प्यार करे By Nazm << तजस्सुस एक भूली हुइ याद >> और ख़ुद भी है आवारा बादल कभी तो बिन बरसे उड़ जाए और कभी तन-मन जल-थल उस के प्यार की बरखा रुत में यूँ भीगूँ मैं दिन रात बाल बाल से मोती टपकें उमडे आँखों से बरसात Share on: