लोग कहते हैं कि तुझ से थक जाना मर जाने के बराबर है और मुझे भी कभी कभी ऐसा ही लगता है तो सुन शहर में तुझ से साफ़ साफ़ कह दूँ कि मैं तुझ से थक गया हूँ या मुझे यूँ लगता है कि मेरे सर से उस बाप का साया उठ गया है जो इतने दिनों मेरी निगहबानी कर रहा था सुन शहर अगर मर जाऊँ और लोग मुझे दफ़नाने ले जाएँ तो झपट के तू मुझे गोद में ले लेना और बाल खोले कहानी वाली माओं की तरह मुझे आँचल में छुपा कर चीख़ चीख़ कर उन से कह देना कि नहीं ये मेरा बेटा है मेरे जीते जी ये कभी यतीम नहीं हो सकता न ही मेरे जीते जी कोई इसे मुझ से छीन सकता है