भूरे रंग के कुत्तों की हड़बोंग ने फ़ज़ा पर वहशत तारी कर दी है इन की भूक इतनी शदीद है कि वो सिर्फ़ मख़्सूस क़िस्म की हड्डियों का गूदा सूँघ सूँघ कर तलाश रहे हैं अब तो काले कुत्ते भी बरसों की नींद से जाग उठे हैं और वो भी इन भूरे कुत्तों की तलाश के मदद-गार बन रहे हैं माहौल पर वहशत की धुंद छाई हुई है ये वहशत इतनी ख़ौफ़नाक है कि जंगली दरिंदे भी अपनी ख़सलत भूल गए हैं और इस धुंद में सफ़ेद ख़रगोश अपनी बक़ा की ख़ातिर भूरे और काले कुत्तों की हड़बोंग की वहशत से इतने हिरासाँ हो रहे हैं कि कहीं कहीं पर वो अपनी खाल की रंगत तक छुपाने के लिए मजबूर हो रहे हैं सफ़ेद ख़रगोशों का एक और भी मसअला है कि वो कभी कभी अपनी ही खाल को अपने ही दाँतों से कुतरने में लग जाते हैं जिस की वज्ह से उन की शनाख़्त की पहचान कुत्तों के लिए आसान हो जाती है लेकिन अगर उन्हें अपनी यकसाँ शनाख़्त का एहसास हो जाए तो ये भूरे और काले कुत्ते फिर अपनी भूक को भूल कर अपनी मश्कूक शनाख़्त को बचाने के लिए परेशाँ हो जाएँगे लेकिन क्या सफ़ेद ख़रगोश कभी अपनी शनाख़्त का मीनार ता'मीर कर पाएँगे