सूरज चाँद सितारे इक दिन धरती पर आ जाएँ देख के उन को दुनिया वाले सारे चकरा जाएँ दिन निकला या रात हुई है कोई समझ न पाए वक़्त की ताल पे चलती सारी घड़ियाँ थम सी जाएँ गर्मी सर्दी बारिश सब ही हैराँ और परेशाँ भीड़ में जैसे आपस में कुछ कारें टकरा जाएँ आ कर इक दिन इस धरती पर खेलें आँख-मिचोली चाट कचौरी हलवा पूरी फली दाने खाएँ कई सितारों का इक झुरमुट गेंद उठा कर भागे कुछ दरिया की जानिब निकलें और कुछ पतंग उड़ाएँ जगमग चाँद सितारों से ये आँगन मेरा दमके मेरी घर की छत है हाज़िर खेलें धूम मचाएँ ग़म और मायूसी के अँधियारों में कैसे चमकें चाँद सितारे घर घर जा कर लोगों को समझाएँ इस धरती का घना अंधेरा इक दिन उन से टूटे सूरज चाँद सितारे इक दिन धरती पर आ जाएँ