ताज-महल By मोहब्बत, इश्क़, लव, Nazm << उजाले बाँट देना तुम चलो बाज़ार चलते हैं >> पूनम की रौशनी में ताज-महल कमाल की सरहद के इस पार बेहद अकेला और बहुत उदास जैसे कोई बला की हसीना हुजूम के बीच खड़ी हर निगाह से ना-आश्ना हर निगाह में बरहना Share on: