तख़्लीक़ का कर्ब By Nazm << शैली बेटी के नाम नाम का पत्थर >> अभी अभी मिरी बे-ख़्वाबियों ने देखी है फ़ज़ा-ए-शब में सितारों की आख़िरी परवाज़ ख़बर नहीं कि अंधेरे के दिल की धड़कन है कि आ रही है उजालों के पाँव की आवाज़ बताऊँ क्या तुझे नग़्मों के कर्ब का आलम लहू-लुहान हुआ जा रहा है सीना-ए-साज़ Share on: