तलाश By Nazm << छलनी छलनी साएबाँ मौत >> मुझे हो ढूँढना गर तो नए रस्तों में ढूँडोगे नई सोचों में पाओगे नए रिश्तों में ढूँडोगे बना है बादलों में जो मिरा घर है मिरा दर है मुझे मिलने की चाहत है तो फिर ऊँचे हिमाला की बुलंदी से न घबराओ चले आओ वगर्ना ऐ मिरे साइल पलट जाओ तो बेहतर है Share on: