वल्लाह क्या ज़बाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी फ़ितरत की तर्जुमाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी आबा की दास्ताँ है उर्दू ज़बाँ हमारी मज़लूम की फ़ुग़ाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी हिन्दू भी बोलते हैं मुस्लिम भी बोलते हैं दो जिस्म एक जाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी ता'मीर की है इस की ख़ुद को मिटा मिटा कर अस्लाफ़ का निशाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी मीठा इक एक जुमला पुर-कैफ़ हर मक़ाला अल-हक़ शकर-फ़िशाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी अल्फ़ाज़ चाँद तारे बन कर चमक रहे हैं रिफ़अत में आसमाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी 'ग़ालिब' 'नसीम' 'कैफ़ी' चकबस्त 'ज़ौक़' 'सरशार' हर शख़्स की ज़बाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी इक इक किताब इस की फूला-फला चमन है गुलज़ार-ए-बे-ख़िज़ाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी 'मुंशी-प्रेम' इस पर होते न क्यूँ तसद्दुक़ मानी हुई ज़बाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी हर आदमी के दिल में घर कर रही है 'शातिर' महबूब मेहरबाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी