रात आई और जागे तारे नन्हे मुन्ने छोटे छोटे आ बैठे हैं मिल कर सारे रात आई और जागे तारे देखो कैसे चमक रहे हैं गोया मोती दमक रहे हैं कितने अच्छे कितने प्यारे रात आई और जागे तारे थक जाते हैं चलते चलते आख़िर आँखें मलते मलते सो जाते हैं नींद के मारे रात आई और जागे तारे चुपके चुपके हँसते रहना सब कुछ आँखों ही में कहना सारे उन के काम हैं न्यारे रात आई और जागे तारे चार नहीं हैं आठ नहीं हैं बीस नहीं हैं साठ नहीं हैं लाखों हैं ये दोस्त हमारे रात आई और जागे तारे इन से खेले जी बहलाए या कोई चुपके से सो जाए कैसे कोई रात गुज़ारे रात आई और जागे तारे कोई इन के भेद न पाए बात करें आवाज़ न आए चुपके चुपके करें इशारे रात आई और जागे तारे लाख पुकारो लाख बुलाओ लाख कहो तुम आओ आओ कभी न आएँ पास तुम्हारे रात आई और जागे तारे