फ़ना By Nazm << तारे दर्द साँसो के साथ चलता है >> मैं डब्बे का आख़िरी बिस्कुट इस मौजूद जहाँ से निकल कर उस आलम की सम्त रवाँ हूँ मेरे साथी जहाँ पहुँच कर मेरा रस्ता देख रहे हैं Share on: