ये जो कहा जाता है भाई इश्क़ भी तोला जाता है सच है ये क़ौल भी वैसे तो तारीख़ भी अपने आप को दोहराती है जाँच में सच्चा उतरा है जब कोई फिर तो वही सादिक़ कहलाता है तारीख़ यही कहती है इश्क़ में आग के ढेरों पर लेटा जाता है जिस की ख़ातिर अपने बच्चे की गर्दन पे छुरी भी फेरी जाती है तारीख़ यही कहती है इश्क़ में कूदा भी जाता है समुंदर में और जिस की ख़ातिर पेट में मछली के फिर उतरा जाता है तारीख़ यही कहती है इश्क़ में जिस्मों को भी ख़ूँ से रंगीन किया जाता है भूक सताती है जब भी तो फिर पेट पे पत्थर भी बाँधा जाता है इश्क़ में घर को भी कंगाल किया जाता है जलती रेत पे भी लेटा जाता है फिर सीने पर गर्म चट्टान को भी तो सहना पड़ता है तारीख़ यही कहती है इश्क़ में अक्सर भूका प्यासा रह कर देनी पड़ती है क़ुर्बानी मक़्तल में