तिरी तौक़ीर से तौक़ीर-ए-हस्ती है गुरु-नानक तिरी तनवीर हर ज़र्रे में बस्ती है गुरु-नानक तिरी जागीर में इरफ़ाँ की मस्ती है गुरु-नानक तिरी तहरीर औज-ए-हक़-परस्ती है गुरु-नानक तिरी तस्वीर से रहमत बरसती है गुरु-नानक ज़ुहूरिस्तान-ए-रहमत है कि ये तस्वीर है तेरी कोई नक़्श-ए-हक़ीक़त है कि ये तस्वीर है तेरी अयाँ सुब्ह-ए-सआ'दत है कि ये तस्वीर है तेरी दिल-ए-मुज़्तर की राहत है कि ये तस्वीर है तेरी तिरी तस्वीर से रहमत बरसती है गुरु-नानक