तावान By Nazm << तीसरी आँख तसलसुल >> हम अपनी यर्ग़माली ख़्वाहिशों की बाज़याबी के लिए कब तक न जाने और कब तक जुरआ जुरआ ख़र्च होती उम्र का तावान अदा करते रहेंगे जाने कब तक? Share on: