हर लम्हा बदलती दुनिया में इक साथ तुम्हारा था लेकिन वो साथ कभी का छूट गया जब साथ तुम्हारा होगा तब बारिश होगी और फूल खिलेंगे राहों में और दिल में फिर हलचल होगी तब दुनिया चाहे कितनी बदले बाहर हो जितना अँधियारा अंदर से किरनें फूटेंगी अन्दर से मौसम बदलेगा