टूट बटूट का इक तोता है उम्र है उस की हफ़्ते आठ मियाँ मिठ्ठू नाम है उस का सब कहते हैं मियाँ माठ वाह मियाँ मिठ्ठू तेरे ठाठ जो कुछ उस के सामने आए मुँह में डाले और चबाए चोंच तो उस की एक है लेकिन दाँत हैं उस के पूरे साठ वाह मियाँ मिठ्ठू तेरे ठाठ बाइसैकल बस मोटर लारी हर इक शय की करे सवारी यक्का रेहड़ा बंबू काठ वाह मियाँ मिठ्ठू तेरे ठाठ रात को खाए मीठी चूरी दिन को खाए हलवा पूरी सुब्ह को खाए अस्सी लड्डू शाम को खाए अंडे साठ वाह मियाँ मिठ्ठू तेरे ठाठ पेट है उस का इतना मोटा जैसे देवों का हो लोटा टाँगें उस की इतनी लम्बी जैसे क़ुतुब साहिब की लाठ वाह मियाँ मिठ्ठू तेरे ठाठ