ऐ उमीद आ मिरे गले लग जा कौन मेरा है जग में तेरे सिवा दोस्त मुमकिन नहीं कोई तुझ सा तू अगर है तो ज़िंदगी मेरी तेरे दम से है हर ख़ुशी मेरी तेरे दम से है देती है तू तसल्लियाँ तेरे होने से कामरानियाँ गुल आरज़ू के खिलाती है तू उम्मीदों के गुलाब महकाती है तू हर एक मोड़ पर खड़ी है तू फैला देती है बाँहें तू ही है दुनिया में इक बा-वफ़ा तेरे होने से मिला हर एक को हौसला दोस्त मुमकिन नहीं कोई तुझ सा तू अगर है तो ज़िंदगी मेरी तेरे दम से है हर ख़ुशी मेरी तेरे दम से है