जिगर-दरीदा हूँ चाक-ए-जिगर की बात सुनो अलम-रसीदा हूँ दामान-ए-तर की बात सुनो ज़बाँ-बुरीदा हूँ ज़ख़्म-ए-गुलू से हर्फ़ करो शिकस्ता-पा हूँ मलाल-ए-सफ़र की बात सुनो मुसाफ़िर-ए-रह-ए-सहरा-ए-ज़ुल्मत-ए-शब से अब इल्तिफ़ात-ए-निगार-ए-सहर की बात सुनो सहर की बात उमीद-ए-सहर की बात सुनो