नुत्क़ का ए'जाज़ है उर्दू ज़बाँ वक़्त की आवाज़ है उर्दू ज़बाँ जिस में सुर हैं मुख़्तलिफ़ भाषाओं के वो अनोखा साज़ है उर्दू ज़बाँ ये ज़बाँ के साथ है तहज़ीब भी क़ाबिल-ए-सद-नाज़ है उर्दू ज़बाँ माइल-ए-परवाज़ है इस का अदब मंज़िल-ए-पर्वाज़ है उर्दू ज़बाँ क़ौमी यक-जेहती से जो पैदा हुई वो हसीं आग़ाज़ है उर्दू ज़बाँ गीता और क़ुरआँ की तफ़्सीरें लिए मज़हबों का राज़ है उर्दू ज़बान हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई कोई हो सब की ही दम-साज़ है उर्दू ज़बाँ इस का दुश्मन दुश्मन-ए-अम्न-ओ-अमाँ प्रेम का अंदाज़ है उर्दू ज़बाँ सब ज़बानों पर चढ़ी है 'मौज' ये इस लिए मुम्ताज़ है उर्दू ज़बाँ