वफ़ा और इश्क़ के रिश्ते बड़े ख़ुश-रंग होते हैं अदाएँ दिल-कुशा इन की रसीले ढंग होते हैं किसी मौसम किसी रुत में किसी भी शाख़ पर अक्सर ये नन्ही कोंपलें बन कर चमन आबाद करते हैं सकूँ देते हैं ज़ेहनों को दिलों को शाद करते हैं ख़ुदा जाने ये परवाने ये मस्ताने ये दीवाने मुरव्वत की मोहब्बत की इबादत की बुलंदी से किसे आवाज़ देते हैं किसे रह रह के तकते हैं ये ना-उमीद हो कर भी कभी मुंकिर नहीं होते ये किस की जुस्तुजू में पस्त होते हैं न थकते हैं ये रह रह कर दूर भी इक दूसरे के संग होते हैं वफ़ा और इश्क़ के रिश्ते बड़े ख़ुश-रंग होते हैं