वक़्त गँवाना ठीक नहीं By बाल कविता, Nazm << याद रहे सूरत से क्या लेना >> जब देखो बस हेड और टेल करते हैं जो दिन भर खेल पास कहाँ वो होते हैं हो जाते हैं आख़िर फ़ेल वक़्त गँवाना ठीक नहीं और पछताना ठीक नहीं Share on: