याद रहे By बाल कविता, Nazm << मुस्कुराता है कँवल वक़्त गँवाना ठीक नहीं >> मिला किताबों से पैग़ाम इस से होगा नेक अंजाम दीन-धरम से हो के परे हर इंसाँ के आएँ काम याद रहे ये बात सदा सब को भाएगी ये अदा Share on: