एहतजाजी मुज़ाहिरे के दौरान इधर उधर भागते हुए लोगों के बीच सड़क पर फटने वाले आँसू गैस के शैल की तरह आप की नज़्में पढ़ते हुए आँखों में जलन होने लगती है गले में ख़राशें पड़ जाती हैं नाक से बे-तहाशा पानी बहने लगता है भागने वाले लोगों की तरह दिल बहुत ज़ोर से धड़कने लगता है अपनी हालिया नज़्मों में सीवरेज पाइप के साथ चलने वाली ख़ुद-रौ बेलों के बजाए आप गंदे पानी का ज़िक्र कर रहे हैं रेलवे लाइन के आस पास खिलने वाले फूलों के बजाए एक्सप्रेस ट्रेन पर ना-मालूम डाकुओं की फ़ाइरिंग का ज़िक्र ख़तरे की अलामत है और कोलही औरतों के ख़िलाफ़ पुलीस ऑपरेशन की बात तो इंतिहाई परेशान-कुन है वर्ल्डकप की ख़ुशी में हवाई फ़ाइरिंग से हलाक होने वाली औरत की मौत महज़ इत्तिफ़ाक़िया थी आप उस की याद में नारे-बाज़ी न करें क़ाईद-ए-हज़्ब-ए-इख़्तिलाफ़ की तरह आप को हमारी हर पॉलीसी से इख़्तिलाफ़ है आप के लिए हमारा हर आईनी क़दम ग़ैर आईनी है और हमारी हर पेशकश क़ुबूल आप को हमारी हर बात पर ग़ुस्सा आता है और हमें ख़ैर छोड़ें आप की नई नज़्म का हर लफ़्ज़ किराए के गोरीलों की बंदूक़ों से निकलने वाली गोलियों की तरह है हम आप को एक सज़ा-याफ़ता दहशत बना सकते हैं या एक ग़ैर-मुल्की एजेंट क़रार दे सकते हैं आप ग़द्दार भी हो सकते हैं मगर फ़िलहाल हमारे लिए आप एक इश्तिआ'ल-अंगेज़ शाइ'र हैं