खरबूज़ By बाल कविता, Paheli << कुर्सी ताला क़ुफ़्ल >> बाँध बूँध में ने जकड़ा एक गधा और एक बकरा नर-नारी सब खाएँ सदा आधा बकरा आधा गधा Share on: