![](http://cdn.pagalshayari.com/images/FB/kuch-khwahisho-ke-pankh-mujhe-bhi-de-do-is-dubte-hua-tinke-ko-sahara-de-do-koi-poetry-hindi-shayari.jpg)
कुछ ख्वाहिशो के पंख मुझे भी दे दोइस डूबते हुआ तिनके को सहरा दे दोकोई मेरी डूबती को कश्ती किनारा दे दोमुझे भी कोई पतवार और माझी भी दे दोकुछ ख्वाहिशो के पंख मुझे भी दे दोमै नन्हे पैरो से कितनी दूर चल पाउगागिरते , उठते कब तक संभल पाउगाकोई थामने वाले हाथ मुझे भी दे दोकोई अपना साया और साथ भी दे दोकुछ ख्वाहिशो के पंख मुझे भी दे दो ……आस्मां को देखकर कब तक सो जाउगातारो मै कब तक अपनों को देखता जाउगाकुछ परियो के कहानिया मुझे भी दे दोटूटा तारो वाली किस्मत मुझे भी दे दोकुछ ख्वाहिशो के पंख मुझे भी दे दो