अब कहाँ हूँ कहाँ नहीं हूँ मैं By बेख़ुदी, Qita << बातें करने में फूल झड़ते ... आह! मर्ग-ए-आरज़ू का माजरा... >> अब कहाँ हूँ कहाँ नहीं हूँ मैं जिस जगह हूँ वहाँ नहीं हूँ मैं कौन आवाज़ दे रहा है मुझे? कोई कह दो यहाँ नहीं हूँ मैं Share on: