बाक़ी है कोई साथ तो बस एक उसी का By Qita << अदब में आ गए ख़म ठोंक शाए... इक ऐसा वक़्त भी आता है चा... >> बाक़ी है कोई साथ तो बस एक उसी का पहलू में लिए फिरते हैं जो दर्द किसी का इक उम्र से इस धन में कि उभरे कोई ख़ुर्शीद बैठे हैं सहारा लिए शम्-ए-सहरी का Share on: