अपने आईना-ए-तमन्ना में By Qita << ग़म के साँचे में ढल सको त... सहरा सहरा ग़म के बगूले बस... >> अपने आईना-ए-तमन्ना में अब भी मुझ को सँवारती है तू मैं बहुत दूर जा चुका लेकिन मुझ को अब तक पुकारती है तू Share on: