चाँदनी रात की ख़मोशी में By Qita << उसी अदा से उसी बाँकपन के ... गिरती हुई बूँदें हैं कि प... >> चाँदनी रात की ख़मोशी में यूँ कोई मह-जमाल आता है एक शाएर के ज़ेहन में जैसे ख़ूबसूरत ख़याल आता है Share on: