उसी अदा से उसी बाँकपन के साथ आओ By Qita << इक बे-वफ़ा से अहद-ए-वफ़ा क... चाँदनी रात की ख़मोशी में >> उसी अदा से उसी बाँकपन के साथ आओ फिर एक बार उसी अंजुमन के साथ आओ हम अपने एक दिल-ए-बे-ख़ता के साथ आएँ तुम अपने महशर-ए-दार-ओ-रसन के साथ आओ Share on: