दिल से हो कर दिल तलक जाया करो Admin बोतल शायरी, Qita << इस धरती से उस अम्बर को लौ... बहुत मुख़्तसर सा तआ'र... >> दिल से हो कर दिल तलक जाया करो बीच के रस्ते न अपनाया करो मुझ को बातें कम समझ आती हैं तुम कुछ अमल कर के ही बतलाया करो Share on: