ऐ मिरा जाम तोड़ने वाले By Qita << रज़ा अब क्या बताएँ क्या था समा... >> ऐ मिरा जाम तोड़ने वाले मैं तुझे बद-दुआ नहीं देता मैं भी हूँ एक संग-दिल ताजिर जो हुनर का सिला नहीं देता Share on: