एक सब्र-आज़मा जुदाई है By तसव्वुर, जुदाई, Qita << एक तस्वीर खींच दी गोया दिल-ए-हसरत-ज़दा में एक शो... >> एक सब्र-आज़मा जुदाई है मिलने-जुलने की बंद हैं राहें मैं ने उस माह-रू की गर्दन में डाल दी हैं ख़याल की बाहें Share on: