फिर किसी बात का ख़याल आया By Qita << थी जो वो इक तमसील-ए-माज़ी... ओस में भीगी हुई तन्हाइयों... >> फिर किसी बात का ख़याल आया इक हसीं रात का ख़याल आया जिस ने सरशार कर दिया दिल को उस मुलाक़ात का ख़याल आया Share on: