काश हम लोग लड़ गए होते By Qita << गदा हूँ मुझ को लेकिन दौलत... गह सरगुज़िश्त उन ने फ़रहा... >> काश हम लोग लड़ गए होते आप की दोस्ती का रोना है दिल से गर्द-ए-अलम नहीं छटती आँसुओं की कमी का रोना है Share on: