ख़्वाब है और उन्हें पाने की अज़्मत भी है Admin मेहनत पर शायरी, Qita << नई तहज़ीब में भी मज़हबी त... ख़िज़ाँ के बा'द तो हर... >> ख़्वाब है और उन्हें पाने की अज़्मत भी है इल्म है ज़ब्त है और जज़्बा-ए-मेहनत भी है उन से बढ़ कर भी है कुछ आज की औरत का निशाँ इतना सब कुछ है मगर फिर भी वो औरत भी है Share on: