मैं ने अपना ही भिगोया है अभी तो दामन By Qita << नाख़ुदा किस लिए परेशाँ है सोने चाँदी की चमकती हुई म... >> मैं ने अपना ही भिगोया है अभी तो दामन तेरा दामन भी तो ऐ दोस्त भिगोना है मुझे दाग़-ए-ग़म तू ने जो सीने में छुपा रक्खा है अपने अश्कों से उसी दाग़ को धोना है मुझे Share on: