मरमरीं मरक़दों पे वक़्त-ए-सहर By Qita << रात जब भीग के लहराती है जिस तरह ख़्वाब के हल्के स... >> मरमरीं मरक़दों पे वक़्त-ए-सहर मय-कशी की बिसात गर्म करें मौत के संग-दिल ग़िलाफ़ों को साग़रों की खनक से नर्म करें Share on: